मंगलवार, 7 अप्रैल 2009

चुनावी कुंभ

लोकसभा का पन्द्रहवां कुंभ आरम्भ हो चुका है ,देश के हर राज्य से चुनाव में अपनी छमता के अनुसार भक्तगण जनता को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं .कुछ लोग जनता का समर्थन पाने के लिए बिपक्षी प्रतिनिधि को कमतर बताकर अपनी उपलब्धियों का गुणगान कर रहे हैं.कुछ लोग सांप्रदायिक मुद्दों को उठाकर लोकतंत्र रुपी गंगा को गन्दा कर रहे हैं...
आजकल वरुण गाँधी टॉप पर चल रहे है,इनके प्रवचन से भाजपा लाभ उठा रही है .वरुण को ही मुद्दा बनाकर मायावती अपनी चुनावी रोटी सेंक रही हैं.माया और मेनका का द्वंद माँ की ममता पर यक्ष प्रश्न खड़े कर रहा है..ऐसे में जनता गंगा के अर्ध कलुषित जल की तरह हर किसी की गन्दगी और श्रद्धा का बोझ उठा रही है॥
जनता की अपनी समस्याएँ इसी वाकयुद्ध में खो गई हैं,जनता की समस्याओं की तरफ़ किसी का ध्यान ही नहीं जा रहा है,हर प्रत्याशी मौके का लाभ उठा कर चुनावी कुंभ में तर जाना चाहता है ..हर पार्टी जनता के वास्तविक मुद्दे को दबाने में लगी है .हर पार्टी सिर्फ़ वरुण और अल्पसंख्यक को मुद्दा बनाकर चुनाव जीतना चाहती है,इक्के दुक्के हैं जो आतंकवाद की बात कर रहे हैं शेष सब का एक ही राग है.....
अब जनता को अपने वोट का महत्व समझना होगा और अपने वोट का सही इस्तेमाल कर वास्तविक लोकतंत्र और अच्छा जनप्रतिनिधि चुनना होगा तभी इस देश और इस देश की जनता का कल्यान होगा