दुनियां में शायद ही ऐसा कोई शख्स हो जिसने कभी किसी से प्यार न किया हो ! प्यार करने वाला अपने जिन्दगी के हर हसीन, यादगार, खुशनुमा और गमगीन मौके पर अपने उस प्यार को याद करता है। अपने प्यार को याद करके एक पल के लिए वो दुनियां के बीच रहते हुए भी खुद को अकेला महसूस करता है। यह अकेलापन खुशी और गम दोनों साथ लेकर आता है। खुशी तब मिलता है, जब आशिक अपनी दोनों आंखें बंद करके अपने प्यार को अपने सबसे करीब,यहां तक की अपनी सांसों में महसूस करता है और गम तब होता है, जब वो अपनी आंखे खोलता है और खुद को सारी दुनियां के बीच अपने प्यार के बिना पाता है।
मित्रों प्यार के इस खट्टे मीठे एहसास का अपना एक अलग ही मजा होता है। इस बार वैलेनटाइन डे के दिन मेरी मुलाकात कई ऐसे आशिकों से हुई, जिन्होंने अपना पिछला वैलेनटाइन डे अपने वैलेनटाइन के साथ मनाया था। मगर इस बार दोनों एक दूसरे से दूर थे। लेकिन इन दूरियों के बावजूद भी उनका प्यार कहीं से कम नहीं हुआ था। एक तरफ मोबाइल पर पल्स रेट बढ़ती जा रही थी, दूसरी तरफ इन आशिकों के चेहरे के गंगा, यमुना की तरह आंखों से आंसू निकल रहे थे। दिल के जज्बात बयां करते समय इनके चेहरे के भाव सच में दिल को िपघला देने वाले थे। शुक्र है, इस मोबाइल का जिसने दूरियां मिटा दीं और रिलायंस की भाषा में दुनियां को मुट्ठी में कर लिया।
इन आशिकों के जज्बात और यादों की तरन्नुम ने मेरी कलम को भी धार दे डाली। मुझे भी अपना पुराना प्यार याद आ गया। बस फिर क्या था, मैने भी अपना टिपैया यंत्र उठाया और उनकी याद में एक कविता लिख डाली। पेश है आपके सामने वो कविता जिसका शीर्षक है-
तेरी याद
जिन्दगी में हर पल वो मेरे साथ रहता है,
यादों में ही नहीं वो मेरी सांसों में भी रहता है।
उसकी याद में गिरते हैं,जब भी मेरी आंख से आंसू,
वो नजर में ही नहीं, मेरे आंसुओं में भी दिखता है।
कल तक वो मेरे जीने का सबब था,
लेकिन आज वो जिन्दगी से कुछ अधिक लगता है।
सपनों में जुदा होकर मौत प्यारी लगती है,
मुलाकात की एक ख्वाहिश में जिन्दगी का भरम लगता है।
उसकी खामोशी मुझे घुटन सी लगती है,
उसका हंसना मुझे एक नया जीवन लगता है।
जब भी चलती हैं, ये ठण्ढ़ी हवाएं,
उसका आंचल हले से ही सही,पर मुझे ढ़कता है।
जब वो रोती है, मुझे याद करके,
उसे क्या पता, दूर होकर भी मेरा दिल, उसके पास धड़कता है।
मुझे इन शब्दों में एक चेहरा नजर आता है,
तन्हाई में उसकी यादों के साथ अपने सपनों का घर नजर आता है।
रविवार, 14 फ़रवरी 2010
सोमवार, 8 फ़रवरी 2010
काश ! मैं भी इसी दिन पैदा होता
हमारे भारत की बढ़ती जनसंख्या नें पूरे विश्व की मर्दानगी पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है। ऐसा लगता है कि यहां के लोगों को भगवान ने केवल बच्चे पैदा करने के लिए ही बनाया है। इनकी बच्चा पैदा करने की रफ्तार के आगे अमेरिका, रूस और चीन जैसी महाशक्तियां भी नतमस्तक दिखती हैं। जितनी तेजी के साथ हमारे देश की जनसंख्या बढ़ रही है, उतनी किसी अन्य देश की नहीं। कुछ सोशल वेबसाइटों का अध्ययन करने पर पता चला है कि हमारे देश में सबसे अधिक जन्मदिन फरवरी महीने में मनाए जाते हैं। फरवरी महीने में आरकुट जैसी लोकप्रिय वेबसाइटों से जुड़े लोगों को इस दिन ढ़ेरों शुभकामना संदेश भेजने पड़ते हैं।
14 फरवरी यानी वैलेनटाइन डे युवाओं के लिए सबसे खास दिन होता है। अधिकतर युवाओं की प्रोफाइल में यही डेट जन्मदिन के रुप में दर्ज होती है। लेकिन पिछले दो एक साल से इसमें विस्तार भी देखा गया है। क्योंकि अब ढ़लती उम्र के लोग भी इसमें शामिल होने लगे हैं। कुछ बुजुर्ग लोगों का जन्ममदिन और शादी की सालगिरह भी अब इसी दिन मनाई जाती है। मेरे पड़ोस में एक चाचा जी रहते हैं। एक दिन सुबह अचानक वो मेरे घर आ टपके और कहने लगे बेटा ! आज रात का भोजन हमारे यहां करना है। मैने कहा वो सब तो ठीक है चाचाजी । पर ये बताएं आज कुछ विशेष है, क्या । वे बोले हां बेटा, आज मेरा जन्मदिन है और आज ही के दिन हमारी शादी भी हुई थी। मैने कहा लेकिन चाचाजी अभी पिछले साल तो आपने नवंबर में अपनी शादी की सालगिरह मनाई थी। इस बार डेट बदल कैसे गई। उन्होंने नजरें झुकाकर सकुचाते हुए कहा, बेटा तुम्हारी चाची का विशेष आग्रह था कि इसी दिन हम अपनी शादी की सालगिरह और जन्मदिन मनाएं । सो हमने भी स्वीकार कर लिया। फरवरी के इस खास दिन, देश के हर घर में, एक दो बच्चों का जन्मदिन जरूर मनाया जाता है। ये आंकड़े लिखित रुप में हम आरकुट जैसी लोकप्रिय वेबसाइट पर देख सकते हैं। जी हां फरवरी माह की 14 तारीख को आरकुट पर अचानक से ही जन्मदिन वालों की भीड़ लग जाती है।
जहां तक युवाओं की बात है तो देश के अधिकतर माता पिता को यह भी याद नहीं रहता कि उनका बेटा 14 फरवरी के दिन ही पैदा हुआ था। ये अलग बात है कि उस दिन उसके सजने संवरने और दोस्तों के घर आने तथा होटलों और रेस्टोरेन्ट में पार्टी होने की बात सुननने पर वो भी इस सत्य को स्वीकार करने पर मजबूर हो जाते हैं। मेरे खुद के मित्रों में लगभग दस लोग ऐसे हैं जिनका जन्मदिन 14 फरवरी को नहीं है लेकिन पिछले कई सालों से वो इसी डेट पर अपना जन्मदिन मना रहे हैं। ये अलग बात है कि प्रत्येक जन्मदिन पर उनके साथ एक नया और विशेष चेहरा देखा जाता है। मेरे एक मित्र को उसके पिछले जन्मदिन पर ढ़ेरों गिफ्ट मिले। उसने कहा यार ! ये तो बहुत बढ़िया बिजनेस है। जन्मदिन के अवसर पर मिले गिफ्ट के कारण मुझे साल भर डायरी और पेन जैसै महत्वपूर्ण चीजों के साथ-साथ जरूरत के अन्य कई सामान खरीदने नहीं पड़ते। वैलेनटाइन डे को पैदा होने वाले अपने मित्रों की लिस्ट बढ़ती देख मैने भी चार दिन पहले से ही लोगों को जन्मदिन की अग्रिम बधाईयां देनी शुरु कर दी है। साथ ही अपने मित्रों के मन में उठने वाले ज्वार भाटा को देखते हुए मेरे मन में भी बार - बार यह विचार आ रहा है कि काश ! मैं भी इसी दिन पैदा हुआ होता।
14 फरवरी यानी वैलेनटाइन डे युवाओं के लिए सबसे खास दिन होता है। अधिकतर युवाओं की प्रोफाइल में यही डेट जन्मदिन के रुप में दर्ज होती है। लेकिन पिछले दो एक साल से इसमें विस्तार भी देखा गया है। क्योंकि अब ढ़लती उम्र के लोग भी इसमें शामिल होने लगे हैं। कुछ बुजुर्ग लोगों का जन्ममदिन और शादी की सालगिरह भी अब इसी दिन मनाई जाती है। मेरे पड़ोस में एक चाचा जी रहते हैं। एक दिन सुबह अचानक वो मेरे घर आ टपके और कहने लगे बेटा ! आज रात का भोजन हमारे यहां करना है। मैने कहा वो सब तो ठीक है चाचाजी । पर ये बताएं आज कुछ विशेष है, क्या । वे बोले हां बेटा, आज मेरा जन्मदिन है और आज ही के दिन हमारी शादी भी हुई थी। मैने कहा लेकिन चाचाजी अभी पिछले साल तो आपने नवंबर में अपनी शादी की सालगिरह मनाई थी। इस बार डेट बदल कैसे गई। उन्होंने नजरें झुकाकर सकुचाते हुए कहा, बेटा तुम्हारी चाची का विशेष आग्रह था कि इसी दिन हम अपनी शादी की सालगिरह और जन्मदिन मनाएं । सो हमने भी स्वीकार कर लिया। फरवरी के इस खास दिन, देश के हर घर में, एक दो बच्चों का जन्मदिन जरूर मनाया जाता है। ये आंकड़े लिखित रुप में हम आरकुट जैसी लोकप्रिय वेबसाइट पर देख सकते हैं। जी हां फरवरी माह की 14 तारीख को आरकुट पर अचानक से ही जन्मदिन वालों की भीड़ लग जाती है।
जहां तक युवाओं की बात है तो देश के अधिकतर माता पिता को यह भी याद नहीं रहता कि उनका बेटा 14 फरवरी के दिन ही पैदा हुआ था। ये अलग बात है कि उस दिन उसके सजने संवरने और दोस्तों के घर आने तथा होटलों और रेस्टोरेन्ट में पार्टी होने की बात सुननने पर वो भी इस सत्य को स्वीकार करने पर मजबूर हो जाते हैं। मेरे खुद के मित्रों में लगभग दस लोग ऐसे हैं जिनका जन्मदिन 14 फरवरी को नहीं है लेकिन पिछले कई सालों से वो इसी डेट पर अपना जन्मदिन मना रहे हैं। ये अलग बात है कि प्रत्येक जन्मदिन पर उनके साथ एक नया और विशेष चेहरा देखा जाता है। मेरे एक मित्र को उसके पिछले जन्मदिन पर ढ़ेरों गिफ्ट मिले। उसने कहा यार ! ये तो बहुत बढ़िया बिजनेस है। जन्मदिन के अवसर पर मिले गिफ्ट के कारण मुझे साल भर डायरी और पेन जैसै महत्वपूर्ण चीजों के साथ-साथ जरूरत के अन्य कई सामान खरीदने नहीं पड़ते। वैलेनटाइन डे को पैदा होने वाले अपने मित्रों की लिस्ट बढ़ती देख मैने भी चार दिन पहले से ही लोगों को जन्मदिन की अग्रिम बधाईयां देनी शुरु कर दी है। साथ ही अपने मित्रों के मन में उठने वाले ज्वार भाटा को देखते हुए मेरे मन में भी बार - बार यह विचार आ रहा है कि काश ! मैं भी इसी दिन पैदा हुआ होता।
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