शनिवार, 19 मार्च 2011

" बरेली की होली "


इस बार की होली हमने बरेली शहर में खेली। यह देश का ऐसा शहर है जहाँ होली के मौके पर रामलीला और राम बारात का आयोजन होता है। तरह-तरह की वेश भूषा पहने लोग टबों में रंग भर कर गाड़ियों पर चलते है। इन्हें रस्ते में जो भी मिलता है उसे होली के रंग से सराबोर करते चलते हैं।

बरेली में होली के अवसर पर रामलीला के आयोजन का इतिहास २०० साल पुराना है। इसमें यूपी और विहार के कई जिलों के कलाकार रामलीला का मंचन करने आते हैं। इसकी सबसे बड़ी खासियत रामचरित मानस पर रामलीला का मंचन है, जिसमे मशहूर कथावाचक राधे श्याम जी के बोल आज भी प्रचलित हैं। राधे श्याम जी जीवनभर रामलीला में भाग लेते रहे। उनकी मौत के बाद भी उनके दिए गए बोल बरेली की रामलीला में समाये हुए हैं..

बमनपुरी मोहल्ले से निकली राम बारात पुरे शहर भर में घूमी। इसे यहाँ के लिए लोगों ने झरोखे से देखा और छत पर खड़े हो कर मजा लिया। कुछ भी हो बरेली की राम बारात में म्यूजिक मस्ती और धमाल के अलावा केवल सडको पर होली का इन्द्रधनुषी रंग दिखाई दे रहा था..............होली है.................

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